लेखनी कहानी -13-May-2022#नान स्टाप चैलेंज# पालनहार
"मेरे कॉलेज में तो मैने किसी से फ्लर्ट क्या दोस्ती भी नहीं की।सरिशा में तेरी मां हूं लेकिन पहले एक स्त्री हूं,आज तेरी कॉलेज का पहला दिन है।यहां तुझे हर प्रकार के लोग मिलेगे।कुछ हमउम्र,कुछ उम्र में बड़े तो कुछ ओह्दे में बड़े।एक मां दस बात समझाती है तो बेटी को कुछ बातें ही समझ आती है।लेकिन तेरी यह मां तूझे यह एक ही सीख देगी कि तेरे पापा जैसा तुझे दिया लेकर हाथ में ढूंढो गी ऐसा पति नहीं मिलेगा,जब तेरी उम्र शादी करने योग्य होगी हम जैसे लोग देखने को कम ही मिलेंगे
सरीशा ने मुंह बनते हुए कहा,"जस्ट चिल मोम,कल किसने देखा है,फिकर ना करो तेरी बेटी पापा और तेरा नाम रोशन करेगी।"इतना कह कर वह अपने बेडरूम में सोने चली गई।
पुष्टि और ब्रिजेश सारिशा के मां बाप,ब्रिजेश पुष्टि को किसी बात की कमी कभी आने नहीं देता था।वह बहुत संतुलित विचार शैली का आदमी था।और पुष्टि भावनाशील और सौम्य स्वभाव की महिला थी।
सारिशा नए कपड़े,बेग, जूते,परफ्यूम,लिपस्टिक और हेयरस्टाइल से लदी हुई एक मॉडर्न कॉलेजियन दिख रही थी।"बाय मोम,बाय पापा कॉलेज जा रही हूं शाम को मिलते है।"
सरिशा की सहेली गहना और सौम्य पुराने स्कूल फ्रेंड क्लास में साथ मिलते है।सौम्य मध्यम वर्गीय लेकिन सरीशा का इकलौता बेस्ट फ्रेंड,वह उसके मूड्स और पसंद का बेहतरीन तरीके से ख्याल रखता था।कुछ लोग बिचारे को लूजर कहते थे।
कॉलेज को आज एक महीना हो गया शुरू हुए ,पैरेंट्स टीचर मीटिंग में सरिशा की मां को बुलाया था।
"मिसेस शर्मा आपकी बेटी डिबेट स्पर्धा में अच्छे मार्क्स लाई है।"
"ओह ! थैंक्स सर।"
"लेकिन अफसोस है कि वह मुख्य पढ़ाई में बहुत निराशाजनक परिणाम लाई है।"
पुष्टि को जैसे किसने चाटा मार दिया हो वह नजर झुकाए बैठी रही।
सरिषा जब घर लौटी उसकी मां ने केवल एक वाक्य कहा "बेटा जो आज से सबक सीखता है वह कल कभी नहीं झुकता, सुधर जाओ।"
शाम को उसके पापा उसको एक होटल लेकर गए दोनों ने अपनी पसंद का खाना खाया।
सरिशा को उस रात नींद ही नहीं आयी,वह पूरी रात सोचती रही पापा ने कुछ रिएक्ट ही नहीं किया। डांटना तो दूर समझाया भी नहीं।
और मोम...इतना बोलकर वह सो गई।
कुछ महीनों के बाद की बात है।
कुछ दिनों से ब्रिजेश एक मीटिंग की वजह से सिंगापुर गये थे
पुष्टि ने घर में पूजा रखी थी, आज ब्रिजेश घर आने वाले है
उसने अपने सासु मां को कहा, सासुजी खुशी से बोली "बहूरानी मेरा ब्रिजेश अब पक्का तेरा ही हो गया है।"
पुष्टि बोली," मांजी तेरा तुझ को अर्पण क्या लगे मेरा।"
दोनों की हंसी निकाल गई।ब्रिजेश बहुत खुश था उसने घर आकर पुष्टि को अच्छी खबर दी कि उसकी कंपनी कि ग्रोथ दुगनी हो चुकी है।मीटिंग सफल हुई।
पूजा शुरू ही हो रही थी कि एक फोन आया, पुष्टि ने फोन स्पीकर पर रखा ।
"मोम! हलो मोम मैं सरिशा।"
"क्या हुआ बेटा ?"
"सौम्य ने मुझे किडनैप कर लिया है।"
पुष्टि यह सुनते ही बेहोश हो गई।
ब्रिजेश तुरन्त पुष्टि को उठाकर हॉस्पिटल पहुंचा।
डॉक्टर ने पुष्टि को देख कर कहा," चिंता मत कीजिए मिस्टर शर्मा।"
ब्रिजेश ने दूसरी तरफ सौम्य की बैकग्राउंड तलाश शुरू करवाई। इस जांच से पता चला कि सौम्य तो उसका स्कूल फ्रेंड है।पुलिस में एफआईआर लिखवाई और सरीषा का फोटो मीडिया न्यूजपेपर में दिया।
लगातार जांच के बाद सरीशा का पता चला।
वह सुरक्षित थी लेकिन बहुत डर चुकी थी।
वह मां को लगातार याद कर रही थी।
"मिस्टर शर्मा आप को हॉस्पिटल बुला रहे है।"
ब्रिजेश और उसका परिवार हॉस्पिटल में पहुंचा और देखा तो वह सब दंग रहे गए।
पुष्टि को होश आ चुका था। उसको सिर्फ अपने पति का इंतजार था।जैसे ही ब्रिजेश और सरीशा को देखा वह ब्रिजेश को पास बुलाकर गले मिल कर एकदम रोने लगी।
उसने अपनी बेटी को कहा सरिसा मैंने कुछ अच्छे कर्म किए है इसलिए मुझे ब्रिजेश जैसे पति मिले है।
ब्रिजेश ने तुम्हे अपनाया वह तुम्हारे अच्छे कर्म होगे।
बेटा तुम मेरी संतान हो लेकिन तेरे असली पिता आज से कई सालो पहले गुजर गए है।
मेंने तुम्हे समय समय पर समझाया था अपनी पढ़ाई में ध्यान दो लेकिन तुम नहीं मानी।
मेंने अपना पत्नीधर्म अच्छे से निभाया कि नहीं यह पता नहीं लेकिन मेरे पति ने अपना धर्म खूब निभाया है
इतना कह कर वह फिर से बेहोश होगई।
"डॉक्टर! डॉक्टर यह क्या हुआ?"ब्रिजेश दौड़ कर डाक्टर को बुला लाया।
"शर्माजी आपकी पत्नी कोमा में जा सकती है,उनके लिए यह २४ घंटे काफी क्रिटिकल है।" डाक्टर की पेशानी पर बल पड़ चुके थे।
इतना सुनते ही ब्रिजेश टूट गया उसने सरिषा को अपने गले से लगाया।
आज पुष्टि कॉमा में गए ५ साल हो गए और आज सरिषा की सगाई है।
ब्रिजेश और सरिषा पुष्टि के पास जाकर उससे आशिर्वाद लेते है और मंगलकामना करते है कि पुष्टि को होश आ जाय।
जैसे ही सगाई और रिंग सेरिमनी शुरू होती है फिर से एक फोन आता है"मिस्टर शर्मा आपकी लाइफलाइन को होश आ गया है और उन्होंने पहला शब्द ब्रिजेश कहा है।"
ब्रिजेश तुरन्त अपनी बेटी और होनेवाले दामाद को लेकर घर पहोचते है। और पुष्टि को बताते है सगाई के बारे में।
पुष्टि दोनों के माथे पर हाथ रख कर जमाई को कहती है बेटा अपने ससुर से पतित्व सीखना।
आज ब्रिजेश और पुष्टि ५०वी सालगिरह मना रहे है और बेहद खुश है।
वास्तव में सरीशा ने अपने पालनहार से गृहस्थ कैसे बसाया जाता है वो गुण सीख लिया था।
आँचल सोनी 'हिया'
21-Mar-2023 12:03 AM
Rochakta se paripurn
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अदिति झा
10-Mar-2023 08:12 PM
Nice part 👌
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Sushi saxena
10-Mar-2023 03:25 PM
बेहतरीन भाग
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